Vichar Gatha
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चेहरे जो याद आते हैं, स्मृतियाँ जगाते हैं.
चेहरे आइना होते हैं, जो सब कुछ दिखा देते हैं.
नसों में दौड़ते हुए खून ,का रंगीन मिजाज बताते हैं .
आदमी के मन की बात,दिलों की आगाज बताते हैं.
चेहरे वह भी कह देते हैं, जो हम कह नहीं पाते हैं.
चेहरे अन्धेरी रातों को ,उजाला किया करते हैं.
चेहरे बुरे वक्त में, घबराकर सूख जाया करते हैं.
जवानी भर चलती राहों में,चेहरों को खोजा करते हैं.
पूष की सर्द रातों मैं ,कुछ गुल खिलाया करते हैं.
चेहरे प्रियतम की यादों में,अक्क्सर मुरझाया करते हैं.
प्यार भला ए चीज है क्या,जो हम खोये रहते हैं.
चेहरे आबाद की रातों में,सूर्ख हो जाया करते हैं.
जीवन के जंझावतों की, पैमाईश चेहरे करते हैं.
चेहरों की चाह में आशिक,गलियों का चक्कर करते हैं.
आबाद जवानी गलियों की, जब चेहरे चमका करते हैं.
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