Menu
blogid : 17447 postid : 983827

कर्म संगीत है

Vichar Gatha
Vichar Gatha
  • 45 Posts
  • 3 Comments

बादलों की उमड़ है ऐ ऐसी घनी
दिल उकसाता चला तो चल ही गया.
है घना ए बहुत धुंधलका श्यामला
श्याम बदरों से पूरा नभ भर गया
बारिश में ऐसा रस क्यों घुला.
देव दनुज व बिहग प्यार खोजें
मन उकसाता चला तो चल ही गया.
है उड़ते विहग ही प्रातः कर्म में
फिर मनुज क्यों न छोड़े आलस्य को.
कर्म जीवन में ऐसा घनीभूत है
इसकी पूजा सदा ही संगीत है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh