Vichar Gatha
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सत्य कर्मनिष्ठा की फसलें उगाई,
दृढ़प्रतिज्ञ कर्म की आस्था जगाई.
ज्ञान ब्यवहार कुशल विद्या बताई,
आचरण की शुद्धता भी आप से पायी.
रहती थी सदा मुस्कान चेहरे पर छायी,
सहज जीवन की राह थी हमको सुझाती.
अतिगूढ़ रसायन शास्त्र सहज हो गया,
जीवन मूल्यों की राह स्फट हो गया.
हम दीप हैं उजाला जग में भरेगें,
दिव्य ज्ञान मशाल लहराते रहेंगे.
(डॉ.कैलाश नाथ सिंह के प्रति)
(पूर्व प्रवक्ता-श्री गणेश राय पी.जी. कॉलेज,डोभी,जौनपुर)
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