Vichar Gatha
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मैं था दुद्धी का आदि पुष्प,
कहलाता हूँ अब राज्य पुष्प
मेरी शोभा से हो आकर्षित.
अंग्रेज बनाये यह स्टेट.
मैं लाह उत्पाद का मुख्य स्रोत,
विश्व बाजार था ओतप्रोत.
वक्त बदला मनुज कर्म बदले,
धीरे-धीरे वायु जल गुण बदले.
आज मेरे वन घट गए,
लाह के संकट खड़े हो गए.
मैं राजपद को पा गया,
संरक्षित प्रजाति में चला गया.
(विश्व पुष्प दिवस पर पलाश पर कविता)
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