Vichar Gatha
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माँ के पहले बोल वचन,
पिता का प्यार थी हिंदी.
बचपन की तोतली बोल,
शैशव का मधुमय भाव थी हिंदी.
जवानी के बढ़ते प्यार का,
अभिव्यक्ति भाषा थी हिंदी.
गुलामी में जब तड़पा देश तो,
मुक्ति सन्देश थी हिंदी.
जगाया देश को जिसने,
वो हथियार थी हिंदी.
रखे लोक संस्कृति अच्क्षुण,
वो अपनी भाषा है हिंदी.
रखे लोकतंत्र को गतिमान,
वो आवाज हैं हिंदी.
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