Vichar Gatha
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लेक पार्क-विन्ध्यनगर
संध्या का अवतरण
गोधूलि फिर शाम-छाया
वृछों में गहन अँधेरा
चिड़ियों का चहचहाना
कलरव फिर मौन साधना
………………
बल्ब जलने लगे हैं.
रोशनी भरने लगे हैं.
जानवरों के पुतले
सजग लग रहे है,
रात भर रोशनी रहेगी
किसी की इंतेहाँ रहेगी
पुतले व् बाग खोजेंगे-
स्वप्न सुंदरिया
बलवान पुरुष
पर पधारेंगे –
श्याह अँधेरा
निर्जनता
अतृप्त प्रेमी जोड़ें
जिन्हें धर्म के कारिंदों ने
जल्दी ऊपर पहुँचा दिया
कमलेश मौर्य
सोनभद्र (उ.प.)
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