Vichar Gatha
- 45 Posts
- 3 Comments
गोमती का पावन तट
जौनपुर के उपनगर
केराकत का घाट
कूल के दोनों और
वृछों की श्रेणियां
सरपतों की बेलियाँ
मनमोह रही थी
उपमान बन रही थी
पुराने दिनों की
१९९१ के पूल बिहीन
गोमती के घाट के-
मील भर पैदल जाने के बाद
नौकायन से नदी पार
नाविक ही एक सहारा
दुर्गम सरिता को पार कराये
वर्षा ऋतु की बेला आती
गोमती तट बंध भर जाता
मेरा मन अति डर जाता
बीच नाव में मित्रों के संग
छुपकर मैं अक्कसर पार उतरता
केराकत बाजार तक पैदल
कर्रा कालेज तक बस यात्रा
गुरूजी ज्ञान को आत्मसात
नित करते थे हम साथ -साथ
आज सुगम सेतु बन गया
पर घाट की अरुणाभा
वैसी ही है बनी हुयी
मनुज यहाँ नित बदल रहे
प्रकृति सदा गुण धरी हुयी!
Read Comments